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मैमोरी युक्तियॉ

1.रीड-राइट मेमोरी,रैम(RAM)



Random access memory – कंप्यूटर की यह सबसे महवपूर्ण मेमोरी होती है. इस मेमोरी में प्रयोगकर्ता अपने प्रोग्राम को कुछ देर के लिए स्टोर कर सकते हैं । साधारण भाषा में इस मेमोरी को RAM कहते हैं । यही कम्प्यूटर की बेसिक मेमोरी भी कहलाती है । यह निम्नलिखित दो प्रकार की होती है –
डायनेमिक रैम (DRAM)
डायनेमिक का अर्थ है गतिशील । इस RAM पर यदि 10 आंकड़े संचित कर दिए जाएं और फिर उनमें से बीच के दो आंकड़े मिटा दिए जाएं, तो उसके बाद वाले बचे सभी आंकड़े बीच के रिक्त स्थान में स्वतः चले जाते हैं और बीच के रिक्त  स्थान का उपयोग हो जाता है ।
स्टैटिक रैम (SRAM)
स्टैटिक रैम में संचित किए गए आंकड़े स्थित रहते हैं । इस RAM में बीच के दो आंकड़े मिटा दिए जाएं तो इस खाली स्थान पर आगे वाले आंकड़े खिसक कर नहीं आएंगे । फलस्वरूप यह स्थान तब तक प्रयोग नहीं किया जा सकता जब तक कि पूरी मेमोरी को “वाश” करके नए सिरे से काम शुरू न किया जाए ।
2.रीड ओनली मेमोरी (Read Only Memory)
आधुनिक कंप्यूटर की महत्वपूर्ण मेमोरी ROM  उसे कहते हैं, जिसमें लिखे हुए प्रोग्राम के आउटपुट को केवल पढ़ा जा सकता है, परन्तु उसमें अपना प्रोग्राम संचित नहीं किया जा सकता । बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम ( BIOS) नाम का एक प्रोग्राम ROM का उदाहरण है, जो कम्प्यूटर के ऑन होने पर उसकी सभी इनपुट आउटपुट युक्तियों की जांच करने एवं नियंत्रित करने का काम करता है ।
प्रोग्रामेबिल रॉम (PROM)
इस स्मृति में किसी प्रोग्राम को केवल एक बार संचित किया जा सकता है, परंतु न तो उसे मिटाया जा सकता है और न ही उसे संशोधित किया जा सकता है ।
इरेजेबिल प्रॉम (EPROM)
इस I.C. में संचित किया गया प्रोग्राम पराबैंगनी किरणों के माध्यम से मिटाया ही जा सकता है । फलस्वरुप यह I.C. दोबारा प्रयोग की जा सकती है ।इलेक्ट्रिकली-इ-प्रॉम (EEPROM)
इलेक्ट्रिकली इरेजेबिल प्रॉम पर स्टोर किये गये प्रोग्राम को मिटाने अथवा संशोधित करने के लिए किसी अन्य उपकरण की आवश्यकता नहीं होती । कमाण्ड्स दिये जाने पर कम्प्यूटर में उपलब्ध इलैक्ट्रिक सिगल्स ही इस प्रोग्राम को संशोधित कर देते हैं । 

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